प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है | ed full form | What is Enforcement Directorate (ED)
ed full form-प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय धंधे कानून (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के तहत धनरंजिति (Money Laundering) के मामलों की जांच और निष्पादन के लिए जिम्मेदार है। ED कार्यकर्ता आर्थिक अपराधों के खिलाफ चालान दायर करने और धनरंजिति से संबंधित मामलों की जांच करते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आशय क्या होता है ? | What does Enforcement Directorate (ED) mean?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आता है और वित्तीय अपराधों की जांच और निष्पादन के लिए समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य धनरंजिति के द्वारा अर्जित किए गए धन के प्रवाह को रोकना और अपराधियों को सजा दिलाना है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास विशेषाधिकार होते हैं, जिनके तहत वे धनरंजिति संबंधी मामलों की जांच कर सकते हैं, वित्तीय संबंधित दस्तावेजों की मांग कर सकते हैं, अपराधियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर सकते हैं और अपराधियों को गिरफ्तार कर सकते हैं।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यकर्ता आमतौर पर नौकरीकर्ताओं के अधिकारी, निदेशक और सहायक निदेशकों की टीम में संगठित होते हैं। यह संगठन विशेष अदालतों में अपनी मुद्रास्फीति के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करता है और अपराधियों के प्रति कार्यवाही करता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत में भ्रष्टाचार, वित्तीय अपराध और धनरंजिति से संबंधित मामलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए महत्वपूर्ण औजार है। यह संगठन वित्तीय अपराधों को रोकने और संभालने के लिए भारत सरकार की व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
ईडी (ED) की स्थापना कब हुई थी ? | When was ED established? | प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है?
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, (ईडी)) की स्थापना भारत में 1 मई 1956 को हुई थी। यह प्राथमिक रूप से विदेशी मुद्रा और धनरंजिति से संबंधित मामलों की जांच और निष्पादन के लिए स्थापित की गई थी। ED को बाद में भारतीय धंधे कानून (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के तहत और वित्तीय अपराधों की जांच और निष्पादन के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकार क्या है | What are the powers of Enforcement Directorate (ED)
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – (ईडी)) भारत सरकार के एक महत्वपूर्ण विभाग है जो वित्तीय अपराधों की जांच और प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार है। (ईडी) भारतीय मुद्रा कानून, वित्तीय संप्रवेश अपराध, विदेशी मुद्रा कानून, धाराग्रस्त व्यक्ति अद्यादेश, ध्यानार्ह व्यक्तियों के वित्तीय अपराधों की संदिग्धता की जांच करता है और उन्हें नियमित न्यायीकरण के लिए विचारधीन करता है। (ईडी) की आधिकारिक वेबसाइट-https://enforcementdirectorate.gov.in/
ED के अधिकार निम्नलिखित कार्यों को सम्पादित करने में सम्मिलित हैं:-प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) क्या है | ed full form
- धन प्राप्ति के उपयोग में अवैधता की जांच करना और निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार वित्तीय अपराधियों के खिलाफ फेरा 1973 और फेमा 1999 के तहत मामलों को दायर करना।
- वित्तीय अपराधों के पीछे छिपे धन की खोज करना और उसे जब्त करना जो नियमित न्यायीकरण के लिए उपयुक्त साबित होता है।
- वित्तीय अपराधों के प्रभावित व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ संगठित अपराधियों की जांच करना और उन्हें न्यायिक कार्रवाई के लिए दायर करना।
- अपराधियों के खिलाफ आरोपियों के संपत्ति की जब्ती करना और संगठनों या व्यक्तियों के प्रबंधन को वित्तीय अपराधों से संबंधित कार्रवाई के लिए दायर करना।
- विदेशी मुद्रा कानून के तहत अपराधियों की जांच करना और विदेशी मुद्रा अपराध के मामलों को दायर करना।
(ईडी) विशेष अदालतों और वित्तीय अपराध संबंधी कार्यालयों के साथ संयुक्त रूप से काम करता है और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करता है। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करके वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित रखना और वातावरण को अपराधियों के लिए अविकसित करना है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्य का विवरण | The Work Of Enforcement Directorate (ED)
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
(1). वित्तीय अपराधों की जांच: ईडी का मुख्य कार्य वित्तीय अपराधों की जांच करना है। इसके तहत, वे अपराधियों के खिलाफ वित्तीय अपराधों की जांच करते हैं, जैसे कि धन प्राप्ति के उपयोग में अवैधता, नकली मुद्रा या निगमित धन लेन-देन, विदेशी मुद्रा अपराध, वित्तीय अपराधों से जुड़े जीवन या संपत्ति का अवैध उपयोग आदि।
(2). जब्ती: (ईडी) के पास अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जब्ती का अधिकार होता है। जब्ती एक विशेष शक्ति है जिसके माध्यम से वे अपराधियों की संपत्ति, निधि, खाते, संपत्ति और अन्य धनसंबंधी संपत्ति को जब्त कर सकते हैं। यह जब्ती उपयोगी साबित होती है जब उस संपत्ति को अपराध के माध्यम से प्राप्त किया जाता है या जब उसे अपराधी के द्वारा अपराध के लिए उपयोग किया जाता है।
(3). न्यायिक कार्रवाई के लिए प्रस्तुतियाँ: (ईडी) अपनी जांच के नतीजे पर आधारित न्यायिक कार्रवाई के लिए प्रस्तुतियाँ करता है। इसके अंतर्गत, वे प्राधिकरणों और अदालतों को अपने जांच प्रतिवेदन, निष्पादन आदि के माध्यम से जांचित मामलों की जानकारी प्रदान करते हैं। यह प्रस्तुतियाँ उच्चतम न्यायालय, अपील अदालत, विशेष अदालतों या अन्य संबंधित न्यायिक प्राधिकरणों के सामरिक निर्देशों के अनुसार होती हैं।
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(4). अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई: (ईडी) अपराधियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर सकता है और उन्हें न्यायिक दायरों के तहत मुकदमों में ले जा सकता है। यह मामले वित्तीय अपराधों की प्रक्रिया, मुद्दे के प्रकार और अपराधी के खिलाफ प्रश्नों के आधार पर कार्रवाई करते हैं।
(5). अंतरराष्ट्रीय सहयोग: (ईडी) अपने कार्य के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उपयोग करता है। यह सहयोग विभिन्न देशों के वित्तीय अपराध निदेशालयों और संबंधित अधिकारिकों के साथ सहयोग करके होता है, जिससे उन्हें अपराधियों की पहचान और अपराधों की जांच में मदद मिलती है।
ये कार्य (ईडी) के मुख्य कार्य हैं, जो वित्तीय अपराधों के विरुद्ध लड़ाई में सरकार को सहायता प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित रखना, वित्तीय अपराधियों को दंडित करना और दंड कार्रवाई के माध्यम से अपराधों को रोकना है।
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FAQ- प्रवर्तन निदेशालय (ED)
1. ED की स्थापना कब हुई थी?
1 मई 1956 को ईडी की स्थापना हुई थी।
2. ईडी की मूल एजेंसी?
वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग ईडी की मूल एजेंसी है।
3.ED का डायरेक्टर कौन है?
श्री संजय कुमार मिश्रा ED के डायरेक्टर हैं।
4. ईडी की जिम्मेदारी किस मंत्री को दी जाती है?
वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण वर्तमान में) को ED की जिम्मेदारी दी जाती है.